एक छोटे से गमले में एक नन्हा पौधा था। उसका नाम था हरा। हरा रोज़ सूरज को देखकर मुस्कुराता।
“मैं बड़ा होकर पेड़ बनूँगा!” हरा ने कहा।
उसकी दोस्त, तितली, ने कहा, “हरा, तुम्हें पानी और धूप चाहिए।”
रोज़ बच्चे हरा को पानी देते। धूप में हरा चमकता। धीरे-धीरे हरा बड़ा हुआ और एक सुंदर पौधा बन गया।
सीख: मेहनत और देखभाल से हम बड़े हो सकते हैं।